
चितरंगी -नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी सरकार कर वसूलने के उद्देश्य से लाइसेंसी दुकानों में शराब की विक्री करवा रही है,कमाल की बात तो यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिना लाइसेंस के देसी- विदेशी शराब की बिक्री कोच्चिया के माध्यम से जारी है। यहां तक की देसी भट्टी महुआ की शराब भी प्रत्येक गांव में 10 से 15 स्थानों पर बनाकर बिक्री की जा रही है जिससे समुदाय को शराब के आतंक का सामना करना पड़ रहा है। सामुदायिक शांति भंग हो रही है हिंसा बढ़ रहा है अपराध घटित हो रहे हैं आखिर समुदाय सुन तो सुन कौन? जब सरकार और सरकारी नुमाइंदे खुद संलिप्त हो जाए,ऐसे में जाहिर सी बात है की जनता की परेशानी बढ़ाना तय है,वहीं प्रदेश सरकार की बात की जाए तो उसके दावे भी खोखले नजर आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक चितरंगी विधानसभा अंतर्गत समूचे क्षेत्र में चारों तरफ अवैध देशी-विदेशी शराब एवं गांजा की तस्करी जोरों पर चल रही है, ग्रामीणों की माने तो आबकारी विभाग सहित पुलिस विभाग के ऊपर भी आरोप लगाया है नेताओं और जिम्मेदारों के नजर में कर्तव्य निष्ट लोक सेवक का चोला पहन के उछल कूद लग रहे हैं मजे की बात तो यह है कि ईमानदारी का ढोंग ढकोसला कायम रहे जिसको लेकर चितरंगी पुलिस,गढ़वा पुलिस, नौडिहवा चौकी,बगदरा चौकी के प्रभारी एक दो छोटी-मोटी कार्यवाही करके अपनी पीठ थप थापाते हुए खुद मियां मिट्ठू बन बैठे हैं इतना ही नहीं शराब के ठेकेदारों द्वारा गांव गांव मे अवैध रूप से शराब कि कालाबाजारी कराई जा रही है।जो गांव के किराना दुकानों,ढावों और गुमतियों मे जोरो से बिक्री किए जाने का आरोप लगा है।कई गांव ऐसे है जहाँ सुबह होते ही शराबीयो का जमावड़ा लग जाता है और आए दिन बाद -विवाद कि स्थिति बनी रहती है,इतना ही नहीं शराब के ठेकेदार द्वारा प्रिंट रेट से भी दर पर बिक्री कि जाती है लेकिन आबकारी विभाग इन सब बातो से अनजान बना हुआ है,हम यह कहे कि सब इनकी ही मिलीभगत से हो रहा है यह गलत नहीं होगा।ऐसे में पुलिस सहित आबकारी विभाग की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस और आबकारी विभाग सहित अन्य जिम्मेदार अधिकार चितरंगी क्षेत्र में धड़ले से बिकने वाली देसी विदेशी शराब पर अंकुश लगा पाते हैं या ऐसे ही युवाओं महिलाओं और समुदाय के साथ में शराबियों द्वारा अत्याचार किया जाता रहेगा और नशे के आगोश में युवाओं की जिंदगी भी तबाह होती रहेगी। और समुदाय भी अत्याचार पूर्ण जीवन जीने को मजबूर रहेगा।