एनसीएल के एक निदेशक व सीवीओ समेत अन्य अधिकारियो से भी हुई पूछताछ

(बृजेन्द्र कुमार साहू )

सीबीआई की 22 सदस्यीय टीम द्वारा एनसीएल में दुसरे दिन सोमवार को भी कार्यवाही जारी होने से एनसीएल के आला अधिकारियों में हड़कम्प मचा रहा। सोमवार सुबह से ही सिंगरौली में सुनील प्रसाद सिंह, निदेशक (टेक्निकल, प्रोजेक्ट और प्लानिंग) रवींद्र कुमार प्रसाद, चीफ विजिलेंस ऑफिसर एनसीएल, सिंगरौली धनंजय सिंह, डीजीएम एनसीएल, सिंगरौली, कुंदन चौधरी मैनेजर एनसीएल सिंगरौली, संजीव अग्रवाल मैनेजर, नीतीश कुमार डिप्टी मैनेजर, एनसीएल सिंगरौली से जॉच के संबंध कुछ आवश्यक तथ्यो के संबंध सीबीआई ने जानकारी हासिल किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह करीब 6 बजे एनसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी के आवास पर सीबीआई टीम पहुंची जहां सीवीओ के छुट्टी में होने पर फोन करके बुलाया गया। सीवीओ सायं करीब 6.15 बजे एनसीएल मुख्यालय समीप स्थित अपने आवास पहुंचे। वही दोपहर बाद एनसीएल मुख्यालय में स्थित सीवीओ कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज को सीबीआई टीम खंगालती रही। सुबह 6 बजे ही सीबीआई टीम द्वारा एनसीएल के तकनीकी (परियोजना एवं योजना) निदेशक एस पी सिंह के आवास पर पहुंचकर जारी जाँच के संबंध में कुछ आवश्यक तथ्यों के संबंध में जानकारी हासिल किया गया।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एनसीएल के निगाही परियोजना के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग के मुख्य प्रबंधक धनंजय सिंह पूछताछ करने के बाद सीबीआई ने उन्हें शाम तक बैठाए रखा। वहीं ब्लाक बी परियोजना के सीएचपी शाखा में पदस्थ उपप्रबंधक नीतीश कुमार से भी सीबीआई पूछताछ करती रही। पूरे मामले के तार जोड़ते हुए सीबीआई एनसीएल के अन्य अधिकारियों से भी मामले की तहकीकात कर सकती है। उक्त कार्यवाही सीबीआई नई दिल्ली के डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में 22 सदस्यीय टीम कार्यवाही कर रही है। सूत्रों की माने तो कल हुई रेड कार्यवाही में पकड़े गए तीनों लोगों को सीबीआई के कुछ लोग विशेष अदालत में पेश करने हेतु ले गए हैं। वहीं सीबीआई के अन्य टीम एनसीएल की परियोजनाओं समेत मुख्यालय में जांच के लिए जुटे हुए हैं।

भारी मात्रा में नकदी एवं डिजीटल डिवाइस एवं आपत्ति जनक दस्तावेज बरामद
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करते हुए, सीबीआई ने 17 अगस्त की रात एनसीएल के प्रबंधक (सचिवालय) और सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा को गिरफ्तार किया है। तलाशी के दौरान उनके आवास से 3.86 करोड़ रुपये नकद बरामद किया। यह राशि कथित तौर पर एनसीएल सिंगरौली में उनके संचालन के लिए कई ठेकेदारों और अधिकारियों से उनके पक्ष में एकत्र की गई थी। सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिए और मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों/व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कई अधिकारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के इन अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने और उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा था। मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के श्री रविशंकर सिंह के सहयोगी श्री दिवेश सिंह को भी सीबीआई में उनके खिलाफ लंबित शिकायतों/जांच के मामलों में अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त करने के एवज में जॉय जोसेफ दामले, उप पुलिस अधीक्षक, एसीबी, सीबीआई, जबलपुर को 5 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। रविशंकर सिंह और उनके सहयोगी एनसीएल के अधिकारियों और जे जे दामले के बीच बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे, जिन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि 16 अगस्त 2024 को रविशंकर सिंह के निर्देश पर रवि सिंह के कर्मचारी अजय वर्मा ने लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल, सिंगरौली से 5 लाख रुपये का उपरोक्त अनुचित लाभ प्राप्त किया था। रिश्वत की रकम कथित तौर पर सूबेदार ओझा द्वारा भेजी गई थी और 16 अगस्त को रविशंकर सिंह ने दिवेश सिंह को यह रकम एसीबी जबलपुर, सीबीआई के डिप्टी एसपी जॉय जोशफ़ दामले तक पहुंचाने का निर्देश दिया था। इससे पहले, पीसी एक्ट (जैसा कि 2018 में संशोधित) की धारा 7, 7ए, 8 के साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत एक नियमित मामला (1) रविशंकर सिंह, मेसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली (मप्र) के निदेशक के खिलाफ पंजीकृत किया गया था; (2) लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल, सिंगरौली, (3) सुबेदार ओझा, प्रबंधक (सचिवालय), एनसीएल, सिंगरौली; (4) दिवेश सिंह, निजी व्यक्ति ( रविशंकर सिंह के सहयोगी); (5) जॉय जोसेफ दामले, उप पुलिस अधीक्षक, सीबीआई, एसीबी, जबलपुर (6) कमल सिंह सब इंस्पेक्टर एमपी पुलिस सहित अन्य अधिकारी और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

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