
जिला सिंगरौली/// जिले के नगर निगम कॉलोनी स्थित सरकारी आवासों में डिप्टी कमिश्नर के रहमो करम पर अवैध रूप से बिना आवंटन के संविदा कर्मी रह रहे हैं। सरकारी आवास में सालों से कब्जा कर बैठे संविदा कर्मियों के खिलाफ आज तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है। हर बार अधिकारियों के निर्देश के बाद सर्वे और नोटिस जारी करने की स्थिति से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ती है। नगर पालिक निगम के सरकारी आवासों पर आधा दर्जन संविदा कर्मी कई सालों से अपना कब्जा जमाए बैठे हैं। हालांकि लोगों को कहना है कि जो संविदा कर में सरकारी आवास में कब्जा जमाए हैं वह डिप्टी कमिश्नर के कृपा पात्र हैं लिहाजा उन्हें सरकारी आवास से हटाने की कमिश्नर तक साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। गौरतलब है कि नगर पालिका निगम सिंगरौली के महापौर बंगले के पीछे बने सरकारी
आवासों पर नगर निगम में कांट्रेक्ट और संविदा पर रखे गए कर्मचारी सालों से कब्जा जमाए बैठे हैं। बताया जा रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटर सविदा कर्मी पुनीत द्विवेदी, रामकुमार गुप्ता और पूर्व कमिश्नर का ड्राइवर सहित आधा दर्जन अर्से से सरकारी आवास में कब्जा जमाए हैं। यह सविदा कर्मी डिप्टी कमिश्नर या फिर रसूखदार नेताओं के रहमों करम पर इन आवासों में वर्षों से रह रहे हैं। नियमानुसार नगर निगम के कर्मचारियों को ही परिसर में आवास आवंटित किया जाना चाहिए। नगर निगम की ढुलमुल रवैया के चलते कर्मचारी आवासों को खाली करने को तैयार नहीं हैं। कर्मचारियों के हठपूर्ण रवैये के कारण जहां विभाग को हर माह लाखों रुपये की चपत लग रही है, वहीं आवासों का टोटा होने के कारण नगर निगम में तैनात नियमित कर्मचारी किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं। कर्मचारियों की आवास संबंधी समस्या को लेकर नगर निगम कमिश्नर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है जिसके चलते कर्मचारियों में अब कमिश्नर के खिलाफ रोस व्याप्त है।
साठगांठ और पहुंच के दम पर मिलते आवास
नगर निगम की कॉलोनी में बने आवासों में संविदा कर्मियों ने कब्जा जमा रखा है। पूर्व कमिश्नर का ड्राइवर अपनी पहुंच व साठगांठ कर सरकारी आवास प्राप्त कर लिया हैं। कुछ में बिना आवंटन के ही संविदा कर्मियों ने कब्जा जमा लिया है। आवास खाली करने वाले कर्मचारियों ने अपना एक अलग नियम बना रखा है। आवास खाली करते समय अपने रिश्तेदार, करीबी या पहचान के कर्मचारी को चाबी देकर कब्जा दे देते हैं। कई बार अपनी जगह तबादले में बाहर से आ रहे विभाग के कर्मचारी को ही चाबी देकर उसे मकान में कब्जा दे देते हैं।

